छाछ के विविध नाम: भारत के 8 अलग-अलग हिस्सों में कैसे पुकारा जाता है | How is Buttermilk Called by Different Names in Various Parts of India
छाछ के विविध नाम
छाछ एक लोकप्रिय पेय है जो दही से मथ कर बनाया जाता है. छाछ भारत और अन्य गर्म जलवायु वाले वाले देशों में बहुत लोकप्रिय है. इसको भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. इसे मट्ठा और तर्क नाम से भी जाना जाता है. इसमें मोजूद प्रोबायोटिक पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करते है.

इसमें मोजूद इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा शरीर में पानी की कमी को नहीं होने देती है ये शरीर को हाइड्रेट बनाएं रखने में मदद करता है. छाछ को भारत के अलग-अलग राज्यों में न सिर्फ अलग-अलग नामो से पुकारा जाता है बल्कि इसको अलग-अलग प्रकार से सेवन भी करते है. छाछ में फैट और कैलोरी की मात्रा कम होती है जो वजन को कम करने में मदद करती है.
छाछ के विविध नाम
1. हिंदी में मट्ठा
हिंदी में छाछ को मट्ठा कहा जाता है क्योकि मट्ठा शब्द का अर्थ होता है मथकर निकाला हुआ द्रव्य. छाछ बनाने के लिए दही को मथना पड़ता है जिससे मक्खन अलग हो जाता है और इस प्रकिया को मट्ठा या छाछ कहा जाता है.
2. मराठी में ताक
मराठी में छाछ को ताक कहते है और ताक शब्द का मराठी में अर्थ होता है मथना और मथकर निकाला गया तरल. छाछ को दही से मथकर के बनाया जाता है इसलिए इसे ताक कहा जाता है. ये शब्द मराठी में छाछ को पहचानने के लिए एक सामान्य शब्द है. इसका प्रयोग मुख्य रुप से भोजन के साथ पिने के लिए किया जाता है.
3. तमिल और मलयालम में मोरू
तमिल और मलयालम में छाछ को मोरू इसलिए कहा जाता है क्योकि ये दही से बनी एक तरह की पेय है जिसे पानी और कटी हुई अदरक, हरी मिर्च और नमक और करी पत्ते के साथ मिलाकर बनाया जाता है. ये दक्षिण भारत का एक पारंपरिक पेय है जो बहुत लोकप्रिय है.
4. तेलुगु में मज्जिगा
तेलुगु भाषा में छाछ को मज्जिगा नाम से पहचाना जाता है. मज्जिगा शब्द का अर्थ होता है छाछ या दही का पानी. इस शब्द को तेलुगु भाषा में छाछ को पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
5. कन्नड़ में मज्जिगे
कन्नड़ में छाछ को मज्जिगे कहा जाता है क्योकि मज्जिगे शब्द का अर्थ होता है दही या दही का तरल भाग. कन्नड़ भाषा में छाछ बनाने के लिए दही का इस्तेमाल किया जाता है. मज्जिगे शब्द सीधा दही से जुड़ा हुआ है क्योकि दही को मथकर छाछ बनाई जाती है इसलिए मज्जिगे शब्द इस प्रकिया को दर्शाता है.
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6. तुलु में एले
तुलु भाषा में छाछ को ऐले नाम से पुकारा जाता है जिसका उच्चारण होता है ए-ले. तुलु भाषा में छाछ के लिए विषिस्ट और व्यापक रूप से किया जाता है. एले शब्द छाछ के तरल और मलाईदार प्रकुति को दर्शाने के लिए किया जाता है.

7. बंगाली में घोल
बंगाली में छाछ को घोल इसलिए कहा जाता है क्योकि छाछ को दही से मथकर बनाया जाता है और इस प्रकिया में दही और पानी को एक साथ मिलकर घोल की तरह दिखाई देता है. घोल शब्द का अर्थ है दही पानी में घुल जाता है और इसका एक तरल मिश्रण बन जाता है.
8. राजस्थान में खाटी चास
राजस्थान में छाछ को खाटी चास या खाटो नाम से पुकारा जाता है. कहते हाई छाछ को खाटी चास बुलाने के पीछे कुछ कारण है. खाटी शब्द का अर्थ होता है खट्टा या अम्लीय. छाछ दही से बनाई जाती है और ये एक खट्टा अम्लीय पदार्थ है. खाटी शब्द खाट से बना है जिसका अर्थ है खट्टा. चास शब्द छाछ का ही एक रुप है जो दही और पानी से बनता है.
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छाछ पिने के फायदे
- इम्युनिटी को मजबूत बनाता है
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
- शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है
- वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है
- शरीर में ठंडक बनाएं रखता है
- शरीर में उर्जा प्रदान करता है

छाछ को किस समय पर पीना चाहिए
- भोजन के बाद
- गर्मियों के मोसम में
- भार्री भोजन करने के बाद
- मिड मोर्निंग में
1. छाछ का दूसरा नाम क्या है?
छाछ का दूसरा नाम है मट्ठा और तक्र. ये दही से बनाया हुआ एक पेय है जो भारतीय पिते है. इसे अंग्रेजी में बटरमिल्क के नाम से जाना जाता है.
2. छाछ कितने प्रकार की होती है?
आमतोर पर छाछ चार प्रकार की होती है. ये चार प्रकार उसे मुख्य रुप से उसे दही के आधार पर विभाजित किया जाता है. छाछ के कोई अलग-अलग नाम नहीं है लेकिन उन्हें बनाने पर आपको छाछ के विभिन उपयोग के लिए कोन सी प्रकार की बनानी ये चुनने में मदद मिलेगी.